करुणानिधि: भ्रष्टाचार के आरोपों के पीछे का सच
एम. करुणानिधि, तमिलनाडु के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के प्रमुख नेता, भारतीय राजनीति में एक प्रमुख नाम हैं। उनके जीवन और राजनीतिक करियर पर बहुत सारी चर्चाएं हुई हैं, खासकर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर। हालांकि, करुणानिधि के समर्थक उन्हें तमिलनाडु के सामाजिक सुधारों और विकास के लिए याद करते हैं, वहीं उनके आलोचक उन्हें ‘Father of Corruption’ के रूप में भी संबोधित करते हैं।
भ्रष्टाचार के आरोप और विवाद
करुणानिधि के ऊपर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे, खासकर उनके नेतृत्व में DMK सरकार द्वारा सत्ता का दुरुपयोग करने और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए। 1976 में सारकारिया आयोग द्वारा उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए, जिसने उनके राजनीतिक करियर पर धब्बा लगा। इसके अलावा, उनकी सरकार को आर्थिक घोटालों और धन के दुरुपयोग के मामलों में भी घिरा हुआ पाया गया।
हालांकि, उनके समर्थकों का कहना है कि ये आरोप राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम थे और उनका उद्देश्य करुणानिधि को सत्ता से बाहर करना था।
करुणानिधि का राजनीतिक सुधारक पक्ष
भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद, करुणानिधि ने तमिलनाडु के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने शिक्षा और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ लागू कीं। उनके द्वारा स्थापित योजनाओं में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण में वृद्धि, महिलाओं के लिए पुलिस में भर्ती, और तमिल भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रयास शामिल थे।
उनकी सरकार ने तमिलनाडु में बुनियादी ढांचे को मजबूत किया, जिसमें सड़कों, पुलों, और सार्वजनिक कार्यों का विकास शामिल था। उन्होंने तमिल साहित्य और भाषा को भी समृद्ध किया और तमिल सिनेमा में अपनी लेखनी के माध्यम से योगदान दिया।
करुणानिधि: विरासत और प्रभाव
एम. करुणानिधि की विरासत मिश्रित है। एक ओर उन्हें तमिलनाडु के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए सराहा जाता है, जबकि दूसरी ओर, उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप उनके करियर पर एक काला धब्बा हैं। उन्होंने अपने समर्थकों के बीच एक मजबूत छवि बनाई, लेकिन उनके आलोचकों का मानना है कि उन्होंने तमिलनाडु में भ्रष्टाचार को संस्थागत रूप दिया।
FAQ
- करुणानिधि को ‘Father of Corruption’ क्यों कहा जाता है?
- करुणानिधि पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगे, जिसमें सरकार के धन का दुरुपयोग और घोटाले शामिल थे।
- क्या करुणानिधि का योगदान तमिलनाडु के विकास में महत्वपूर्ण था?
- हां, उन्होंने तमिलनाडु में सामाजिक न्याय, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- करुणानिधि के राजनीतिक करियर में सबसे बड़ा विवाद क्या था?
- 1976 में सारकारिया आयोग द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण उनकी सरकार को बर्खास्त किया गया था, जो उनके करियर का सबसे बड़ा विवाद था।
- क्या करुणानिधि ने सामाजिक सुधार के लिए काम किया?
- हां, उन्होंने पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण, महिलाओं के लिए पुलिस में भर्ती, और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ लागू कीं।
- करुणानिधि की विरासत कैसी मानी जाती है?
- उनकी विरासत मिश्रित है, जहाँ उन्हें एक तरफ विकास और सुधारक के रूप में देखा जाता है, वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार के आरोप उनके करियर पर काला धब्बा माने जाते हैं।
एम. करुणानिधि के जीवन और राजनीतिक करियर पर कई दृष्टिकोण हैं, जिनमें उनके समर्थकों और आलोचकों की राय अलग-अलग है। चाहे वह ‘Father of Corruption’ माने जाएं या तमिलनाडु के एक सुधारक नेता, उनका प्रभाव और विरासत आज भी तमिलनाडु की राजनीति और समाज में महसूस की जाती है।