भारत में Mpox वायरस की तैयारियां: एयरपोर्ट्स और अस्पतालों में सख्ती बढ़ी

भारत में Mpox (पूर्व में मंकीपॉक्स) वायरस के संभावित प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने व्यापक एहतियाती कदम उठाए हैं। हाल ही में, स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर के हवाई अड्डों और प्रमुख अस्पतालों को विशेष रूप से अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। इस कदम का उद्देश्य वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकना और संक्रमित लोगों की जल्द पहचान कर उन्हें अलग-थलग करना है।

हवाई अड्डों पर बढ़ी सतर्कता

हवाई अड्डों पर बढ़ी सतर्कता

सरकार ने सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर सतर्कता बढ़ाने के आदेश दिए हैं। एयरपोर्ट्स पर आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग और निगरानी के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। हवाई अड्डों पर तैनात अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सभी संदिग्ध मामलों की तुरंत पहचान करें और उन्हें स्वास्थ्य अधिकारियों को रिपोर्ट करें।

अस्पतालों में तैयारियां

दिल्ली के तीन प्रमुख अस्पतालों – सफदरजंग, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और राम मनोहर लोहिया अस्पताल – को नोडल सेंटर के रूप में नामित किया गया है। इन अस्पतालों में Mpox के संभावित मामलों के लिए विशेष आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं, जहां मरीजों की उचित देखभाल की जाएगी। इसके साथ ही, अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी संदिग्ध रोगी की पहचान होने पर परीक्षण करें।

वर्तमान स्थिति और आगे की योजना

वर्तमान स्थिति और आगे की योजना

हालांकि भारत में अब तक नए Mpox मामलों की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सरकार ने पड़ोसी देशों में मामलों के उभरने के बाद सतर्कता बढ़ा दी है। पाकिस्तान में हाल ही में Mpox के कुछ नए मामले सामने आए हैं, जिससे भारत की सतर्कता और भी बढ़ गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में फिलहाल संक्रमण के बड़े पैमाने पर फैलने का खतरा कम है, लेकिन स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है। WHO द्वारा Mpox को एक वैश्विक आपातकाल के रूप में घोषित किए जाने के बाद, भारत ने भी अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है, ताकि वायरस के प्रसार को रोका जा सकेत सरकार के ये कदम Mpox वायरस के संभावित खतरे से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल हैं, और यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं कि देश इस चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है।